यथार्थ भक्ति बोध Part2

#यथार्थ_भक्ति_बोध_Part1 के आगे पढ़ें 📖📖📖 #यथार्थ_भक्ति_बोध_Part2 (क) पाठ: सद्ग्रन्थों का स्वाध्याय पाठ कहलाता है। जैसे श्री मद्भगवत गीता के श्लोकों को प्रतिदिन पढ़ना। कुछ भक्त कहते हैं कि हम प्रतिदिन गीता के एक अध्याय का पाठ करते है। कुछ भक्त (साधक) वेद मन्त्रों का नित्य पाठ करते हैं। कुछ भक्त किसी सन्त की अमृतवाणी से कुछ पाठ या शब्दों का नित्य पठन-पाठन करते हैं। मुसलमान भक्त कुरान शरीफ से कुछ वाणी (आयतें) पढ़ते हैं या पाँच समय निमाज (प्रभु स्तुति) करते हैं। यह सब पाठ कहलाता है। किसी ग्रन्थ का अखण्ड पाठ करना या वैसे आदर से किसी समय ग्रन्थ को पढ़ना, वेदों या गीता को पढ़ना यह सब भी पाठ साधना ही कहलाती है। ज्ञान ग्रहण के उद्देश्य से ग्रन्थों को पढ़ना भी पाठ साधना ही कही जाती है। इसे ज्ञान यज्ञ भी कहा जाता है। यज्ञ: यज्ञ का अर्थ है धार्मिक अनुष्ठान। मुख्यतः यज्ञ पाँच हैं: 1- धर्म यज्ञ 2- ध्यान यज्ञ 3- हवन यज्ञ 4- प्रणाम यज्ञ 5- ज्ञान यज्ञ। 1- धर्म यज्ञ: धर्म यज्ञ कई प्रकार से की जाती है। जैसे भूखे को भोजन कराना, पक्षियों को दाना-पानी डालना, पशुओं के लिए पीने...